मातृभूमि ऑर्गेनिक इंडिया आपका स्वागत करती है

मातृभूमि ऑर्गेनिक के बारे में,

मातृभूमि ऑर्गेनिक या जैविक खेती को हम देशी खेती भी कहते है| मुख्य रूप से ऑर्गेनिक कृषि प्रकृति और पर्यावरण को संतुलित रखते हुए की जाती है | इसके अंतर्गत फसलों के उत्पादन में रसायनिक खाद कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है | इसके स्थान पर गोबर की खाद, कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फसल अवशेष, फसल चक और प्रकृति में उपलब्ध खनिज पदार्थों का उपयोग किया जाता है| फसलों को विभिन्न प्रकार की बिमारियों से बचानें के लिए प्रकृति में उपलब्ध मित्र कीटों, जीवाणुओं और जैविक कीटनाशकों द्वारा हानिकारक कीटों तथा बीमारियों से बचाया जाता है|

आधुनिक तकनीक के आधार पर खेती करें किसान, कमाई होगी 10 गुनी,

हमारी सेवाएं

Organic Plants
(जैविक पौधे)

Plantation
(वृक्षारोपण)

Bio Fertilizer
(जैव उर्वरक)

मिट्टी तभी मुस्काराएगी जब किसान लगाएँगे पेड़

पेड़ हमारे जीवन का आधार है।

लकड़ी के पौधे

काष्ठीय पौधे, जिन्हें काष्ठीय पौधे भी कहा जाता है, वे पौधे होते हैं जिनके तने काष्ठीय होते हैं, अर्थात उनके ऊतक समय के साथ काष्ठीय हो जाते हैं। इस प्रकार के पौधे अपनी मजबूती और स्थायित्व के लिए जाने जाते हैं, और इनका व्यापक रूप से फर्नीचर, संरचनाओं और कागज़ उत्पादन में उपयोग किया जाता है।

बागवानी

भारत के कृषि क्षेत्र में बागवानी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें फलों, सब्जियों, मसालों और सजावटी पौधों जैसी विभिन्न फसलों की खेती शामिल है। भारत की विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों को देखते हुए, यह कृषि की एक महत्वपूर्ण और उत्पादक शाखा के रूप में उभरी है, जिसने देश की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उर्वरक

पोषण की इस बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए आज के समय में उर्वरक की एक अहम भूमिका है। पौधों की बृद्धि तथा अधिक उत्पादन के लिए पोटेशियम, नाइट्रोजन, फोस्फोरस आदि तत्वो की आवश्यकता होती है। पौधे इन सभी तत्वों को भूमि से ग्रहण करते हैं। जब भूमि में इन तत्वो की कमी हो जाती है तब कृत्रिम रूप से बनाये गए यौगिको को भूमि में मिलकर इन तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। कृत्रिम रूप से जो यौगिक बनाए जाते हैं। उन्हें उर्वरक कहते हैं।

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